Satta King 2024 Live Result | Disawar | Kalyan | Gali Result | Satta Matka Result | Gaziabad Result | Faridabad Result : नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है Satta King वेबसाइट पर। यदि आप सबसे पहले और सटीक Online Satta Matka Result खोज रहे हैं, तो आप सही वेबसाइट पर हैं। हमारे अनगिनत दर्शक हमें लाइव Satta King Result, Gali Result, Disawar, Gaziabad और Faridabad रिजल्ट दिखाने में अग्रणी मानते हैं, और हमारा Satta King 786 Result विशेष तौर पर लोकप्रिय है। हालांकि अभी हम सट्टा मटका, दिसावर, और गाली रिजल्ट दिखाने में नए हैं, लेकिन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
Satta King Results लोड होने में कुछ सेकेंड का समय लग सकता है, तो कृपया धैर्य बनाए रखें।
'सट्टा से अमीर बने खिलाड़ियों के सीक्रेट' एक ऐसी अनमोल पुस्तक है जो आपको इस खेल की रहस्यमयी दुनिया में लेकर जाती है और उन रणनीतियों, और उन गुप्त सूत्रों को उजागर करती है जिनके कारण कुछ खिलाड़ी रातोंरात अमीर बन जाते हैं। इस पुस्तक में आप जानेंगे रतन खत्री, कल्याणजी भगत और सुरेश भगत जैसे दिग्गजों के असली सीक्रेट्स—उनकी चुनौतियाँ, उनके जीतने के तरीके, और कैसे उन्होंने हर दांव पर अपनी किस्मत को बदल दिया। किताब सीमित समय के लिए उपलब्ध है उसके बाद हटा दी जाएगी, खरीदने के लिए नीचे दिए बटन पर तुरंत क्लिक करें।
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Satta King Live Results Chart
ऊपर दिखाई गई चार्ट में सभी सट्टा कंपनियों का रिजल्ट लाइव और सबसे पहले दिखाया जाता है, लेकिन ऊपर की चार्ट में हम रिजल्ट घोषित करने के कुछ समय बाद हटा देते हैं, लेकीन इस चार्ट में satta king रिजल्ट पूरे दिन लाइव दिखता। रिजल्ट को देखने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर सकते हैं।
Today Live Result
Monthly or Yearly Satta King Result Chart
We नीचे दिए गए बटन को क्लिक करने पर आप इस साल के Monthly Satta King रिजल्ट चार्ट को एक साथ देख सकते हैं। ये चार्ट देखकर आप अच्छी तरीके से विश्लेषण कर सकते हैं, जिससे आपके जीतने के चांसेस बढ़ जाते हैं।.
Monthly Yearly Chart
Satta King Results Chart 2024
नोट : इस लिस्ट में टाइम भी दिया गया है, टाइम से पहले रिजल्ट घोषित नहीं होता तो कृपया धैर्य बनाए रखें। यदि किसी कम्पनी के नाम के सामने एक्टिव लिंक नही है तो परेशान ना हों, क्योंकि अभी वेबसाइट पर काम चल रहा हैं बहुत जल्द सभी रिजल्ट लाइव हो जाएंगे।
Satta Name |
Time |
Result |
Disawar |
05:15 AM |
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Gali |
11:50 PM |
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Faridabad |
06:00 PM |
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Ghaziabad |
08:50 PM |
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Hindustan |
05:30 PM |
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Ghaziabad Day |
04:30 PM |
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Tezpur Day |
04:30 PM |
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Tezpur Evening |
06:30 PM |
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Tezpur Night |
08:30 PM |
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Mumbai Bazar |
06:00 PM |
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Dwarka Night |
05:00 AM |
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Haridwar |
12:00 PM |
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Ghaziabad Noon |
02:00 PM |
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Tezpur Morning |
01:30 PM |
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Lucknow Gold |
12:10 PM |
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Delhi Bazaar |
03:00 PM |
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India Bazar |
04:15 PM |
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Delhi Gold |
07:45 PM |
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Pune City |
12:30 PM |
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Ranchi |
05:00 AM |
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Goa Night |
11:50 PM |
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Bhopal Morning |
04:45 AM |
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India Darbar |
11:20 AM |
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UP State |
04:15 PM |
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Mumbai City |
01:15 PM |
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Dubai Bazar |
11:00 PM |
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Bheem Bazar |
07:45 PM |
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Palwal |
07:30 PM |
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Rajasthan Evening |
03:00 PM |
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Big Bazaar |
07:40 PM |
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Taj Express |
10:30 PM |
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NCR |
02:15 PM |
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Shri Laxmi |
07:30 PM |
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UP Bazaar |
04:30 PM |
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Meerut City |
03:00 PM |
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Goa Express |
10:00 PM |
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Rajdhani |
03:30 PM |
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Chand Tara |
04:00 PM |
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Kalyan Express |
10:30 PM |
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Rolex Night |
11:00 PM |
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Tiger Satta |
07:30 PM |
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Jai Laxmi |
04:45 PM |
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Bikaner Super |
02:25 PM |
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Taj |
03:15 PM |
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Maharashtra Satta |
01:30 PM |
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Maharashtra Bazaar |
05:30 PM |
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Nepal Day |
03:30 PM |
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Shree Ganesh |
04:45 PM |
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Gali Supar |
01:50 PM |
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Super Disawar |
05:00 PM |
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Ghaziabad Bazaar |
02:00 PM |
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Jaipur City |
03:15 PM |
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About Satta King : सट्टा किंग की शुरुआत
क्या आपको पता है, एक जमाने में भारत में सट्टा मटका खेलना एक साधारण बात हुआ करती थी? मुझे उम्मीद है कि ये बात बहुत सारे लोगों को नही पता होगी, लेकिन कुछ लोग इस बारे में जानते भी होंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि उस दौर में भारत के लोग इस खेल को satta king के नाम से नही जानते थे, तब इसे सट्टा मटका के नाम से पहचाना जाता था। उस समय इस खेल पर कोई रोक टोक नही थी, इस खेल को कोई भी खेल सकता था।
जानकारों की माने तो गुलाम भारत में सट्टा मटका खेलना एक आम बात हुआ करती थी। इस खेल को सबसे पहले अंग्रेजो ने खेलना शुरू किया था। कहा जाता है कि अंग्रेज इस खेल को ब्रिटेन में खेला करते थे, लेकिन जब अंग्रेज भारत आए तो ये खेल भारत आगया। भारत में इस खेल की लोकप्रियता धीरे धीरे बढ़ने लगी। आजादी के बाद Satta Matka पूरे भारत में प्रसिद्ध हो गया।
अब सट्टा मटका की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि भारत में हर दिन ये खेल 500 करोड़ से अधिक का कारोबार करता है, और कुछ इंटरनेट के जानकारों की माने तो ये अकड़ा हर साल 15 फीसद की दर से लगातार बढ़ रहा है। इस खेल के लोकप्रिय होने एक वजह ये भी थी कि इसको रसूख वाले लोगों का खेल माना जाता था। पहले के जमाने में जो व्यक्ति ये खेल जीतता था उसे 'Satta King' कहा जाता था।
उस दौर में जो व्यक्ति 'Satta Matka' के खेल में बाजी मारता, तो उसे केवल पैसे ही नही बल्कि बहुत ज्यादा मान भी मिलता था और बाकी खिलाड़ी उस व्यक्ति को सम्मान की नजर से देखते थे। समय के साथ धीरे धीरे यह सम्मान खिताब में बदल गया, और उस खिताब को कहा जाने लगा 'Satta King' जो कि हमारी वेबसाइट का नाम भी है।
बहराल मुद्दे पर वापिस आते हैं। इस खिताब ने लोगों के बीच इतनी शोहरत पाई कि लोग तो इस खेल का असली नाम भी भूल गए, और इस तरह ये खेल 'Satta Matka' से 'Satta King' बन गया।
Satta King (सट्टा किंग) क्या है?
लोग जितना आसान 'Satta King' को समझते हैं, असल में सट्टा किंग उतना आसान है नही। लोगो की एक गलतफहमी ये भी है कि लोग 'सट्टा किंग' को एक खेल की तरह देखते हैं, लेकिन असलियत इसके एक दम विपरीत है। इसके पीछे की जो कहानी है वो ये है कि 'Satta King' एक तरह की उपाधि थी, जो सट्टा किंग को जीतने वाले व्यक्ति को दी जाती थी। लोगों को लगता है कि सट्टा किंग का किताब किसी लॉटरी कंपनी की इजात है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है यह खिताब आपसी सम्मान प्रेम और मनोरंजन के लिए दिया जाता था।
लेकिन, जैसे-जैसे ये खेल बड़ा होता गया वैसे-वैसे इसमें पैसे का दखल बढ़ता गया और उसके बाद इसमें बड़े लोगों का दखल बड़ना शुरु हुआ। जो खेल मान सम्मान और मनोरंजन के लिए सुरु हुआ था अब उसको हर कोई व्यक्ति खेल सकता है और खुद को 'Satta King' बोल सकता है। कुछ लोग थोड़े से समझदार होते हैं, वो सट्टा कंपनियों के मालिकों को सट्टा किंग बोलते हैं। इसके अलावा, आज के दौर में सट्टा खेल जैसे कि गली, दिसावर, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद आदि भी 'सट्टा किंग' के नाम से फेमस हो गए।
समय के साथ इस खेल हुए बदलावों को देखकर एक बात जो समझ आती है वो ये है कि 'Satta King' का अर्थ समय के साथ पूरी तरह से बदल गया है। पहले ये खेल लोगो के लिए सम्मान और खिताब का विषय था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब ये खेल खुद में एक ब्रांड बन चुका है।
जब किसी भी समाज में कोई चीज़ फैमस होती है तो उसको अच्छे बुरे के चसमे से आकलन करके देखा जाता है। Satta King के साथ भी ऐसा ही है, सट्टा किंग के बदलते स्वरूप को देखते हुए लोगो ने समाज में इसके खिलाफ विरोध किया और इस दौरान सट्टा किंग ने खूब सुर्खियां बटोरी और काफी चर्चाओं को जन्म दिया। बहुत सारे लोग आज के समय में सट्टा किंग को गैर कानूनी और अनैतिक दृष्टि से देखते हैं।
Satta Matka क्या है?
बहुत से लोगों का इंटरनेट पर सवाल होता हैं कि सट्टा मटका क्या है और ये कैसे खेला जाता है? लोग Satta King को सट्टा मटका क्यों कहते हैं? हालाकि इस वेबसाइट के ज्यादातर यूजर्स को इस खेल के बारे में काफी अच्छे से पता होगा कुछ लोग तो इस खेल के माहिर खिलाड़ी भी होंगे। जिन लोगों नही पता है उनको हम बता देते हैं।
सट्टा मटका एक नंबर पर आधारित लॉटरी खेल है, इस खेल में आपकी किस्मत ने साथ दिया और आप थोड़े अनुभवी हुए तो आपकी किस्मत चमक सकती है। अब कुछ लोगों का सवाल होगा कि इस खेल को Satta King की बजाय Satta Matka क्यों कहा जाता है?
Satta Matka कैसे खेला जाता हैं?
जो पुराने खिलाड़ी होंगे उनको इस रहस्य के बारे पता होगा, लेकिन हम नए लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि पहले के समय में इस खेल में रेंडम नम्बर चुनने के लिए मटके का इस्तमाल किया जाता था। उस दौर में एक मटके में 1 नंबर से लेकर 100 नंबर तक पर्चियां बनाकर डाल दी जाती थी, फिर किसी एक व्यक्ति से एक पर्ची उठाने के लिए कहा जाता था। उस पर्ची में जो नम्बर आता था, वहीं नंबर उस दिन सट्टे का नंबर होता था। यही मुख्य वजह थी कि सट्टे के साथ मटका शब्द जुड़ गया और लोग इस खेल को Satta Matka कहने लगे।
जैसा कि मैंने अभी थोड़ी देर पहले बताया कि Satta King या Satta Matka एक नंबर आधारित खेल है। यदि कोई व्यक्ति इस खेल को खेलना चाहता है तो सबसे पहले उस खिलाड़ी को 00 से 99 के बीच में से किसी एक नंबर को चुनना होगा और उस एक नम्बर पर दाव लगाना होगा।
सट्टा बाजार चलाने वाली कम्पनियों ने इस खेल को और ज्यादा रोचक बनाने के लिए इस खेल में कुछ और एलिमेंट जोड़ दिए, इन एलिमेंट को जोड़ी और धारा कहा जाता है। जो लोग सट्टा मटका की खेलते हैं वो लोग या तो नंबर की जोड़ी पर दाव लगा सकते हैं या फिर एकल नंबर को चुन सकते है। जो व्यक्ति या खिलाड़ी सही नंबर की भविष्यवाणी करता है वो व्यक्ती जीत जाता है।
Satta Matka जीतने वाले को कितना पैसा मिलता है?
अब बहुत से लोगों का सवाल होगा कि Satta King या Satta Matka जीतने वाले खिलाड़ी को कितना पैसा मिलता है? अब जवाब सुनिए, जो खिलाड़ी इस खेल को जीत जाता है, उसे या तो 9 गुना या 90 गुना पैसा मिलता है। मान के चलो कि किसी खिलाड़ी ने 10 रूपये का दाव लगाया और उस खिलाड़ी का नम्बर आगया तो या तो वो 90 रूपये जीतेगा या 900 रूपये।
यही सबसे बड़ी वजह है कि लोग इस गेम की तरफ अट्रैक्ट हो जाते हैं। लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि यह गेम पूरी तरह भाग्य के ऊपर निर्भर करता है, यदि किसी का भाग्य अच्छा हुआ तो वो जीत जाता है, उसकी बल्ले बल्ले हो जाती है और जिस व्यक्ति के दिन खराब चल रहे हैं वो व्यक्ति हार जाता है और उसका moye moye हो जाता है।
आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि जब आदमी के दिन खराब चल रहे होते हैं तो ऊंट पर बैठे आदमी को भी कुत्ता काट लेता है। इस गेम में किस्मत वाले चमक जाते हैं और जिनकी किस्मत खराब चल रही है वो बहुत सारा पैसा खो बैठते हैं।
Satta Matka से Satta King तक
धीरे धीरे मटके को दौर खत्म हुआ, और टेक्नोलोजी का दौर शुरु हुआ। इस दौर में हर आदमी के हाथ में मोबाईल आ गया और धीरे धीरे मोबाईल स्मार्ट फोन में बदल गया और सट्टा के पुराने तरीके थे वो भी बदल गए। लोग Satta Matka को धीरे धीरे Satta King के नाम से जानने लगे।
नाम बदलने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि satta king नाम का जो खिताब था, वो बहुत ज्यादा पॉपुलर हुआ। इसलिये लोगो की जुबान पर पहले Satta Matka चढ़ा था, अब खिताब की वजह से Satta King चढ़ गया है। आज के समय ज्यादातर लोग इसे Satta King के नाम से ही जानते हैं। इस खेल के साथ साथ सट्टे के कुछ और खेल जैसे 'सट्टा किंग' गली, दिसावर आदि खेल भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
Satta Matka या Satta King को जीतने में सबसे बड़ा रोल भाग्य का होता है। लेकिन ये खेल लोगो को उम्मीद और रिस्क की बीच की एक पतली डोर पर भी चलना सिखाता है। जब लोग ये खेल खेलते हैं तो वो सिर्फ पैसे के पीछे नहीं भाग रहे होते हैं, वो भाग रहे होते हैं उस फीलिंग के पीछे जो उनको जीतने के बाद बहुत ही रिवॉर्डिंग फील करवाती है। कुछ जुआरियों का ऐसा मानना है कि इस खेल की वजह से उनके जीवन में रोमांच और उत्तेजना बनी रहती है, जो उन्हें बार बार Satta King खेलने के लिए प्रेरित करती है।
Satta King का इतिहास
यह बात साल 1940 की है, जब भारत में अंग्रेजो का शासन हुआ करता था और भारत के व्यापार पर पूरी तरीके से ब्रिटिश लोगों का कब्जा था। उस दौर में भारत की राजधानी बॉम्बे हुआ करती थी।
अंग्रेज यानि ब्रिटिश हुकूमत के लिए बॉम्बे इस लिए मुफीद था, क्योंकि बॉम्बे समुद्र के किनारे पर है और उस दौर में बॉम्बे बंदरगाह से भारत का ज्यादातर इंटरनेशनल ट्रेड हुआ करता था। अब कुछ लोगों का सवाल होगा कि इन बातों से
सट्टे के इतिहास का क्या सम्बंध? तो में आपको बता दूं इन बातों का सट्टा मटका के इतिहास से सीधा सम्बन्ध है। वो सम्बंध आपको आगे पढ़ने पर समझ आयेगा।
उस दौर में भी भारत सुप्रीम क्वालिटी का कपास उत्पादन करता था, अग्रेज इस कपास को भारतीयों से कच्चे माला के तौर खरीदते थे, और फिर इसी कच्चे माल को बॉम्बे बंदरगाह से ब्रिटेन और अन्य यूरोप के देशों में व्यापार करके अच्छा मुनाफा कमाते थे।
दुनिया भर में भारत के कपास की डिमांड बहुत ज्यादा थी और इसी डिमांड को देखते हुए ब्रिटिश हुकूमत ने बॉम्बे बंदरगाह से दुनिया को कॉटन सप्लाई करना शुरू किया। इस कॉटन की कीमत बॉम्बे बंदरगाह और न्यू यॉर्क कॉटन एक्सचेंज के द्वार तय होती थी। ये कीमत सप्लाई और डिमांड के हिसाब से घटती और बड़ती रहती थी, जैसा कि शेयर बाजार में होता है ये कांसेप्ट ठीक स्टॉक मार्केट की तरह ही था।
इस घटती बढ़ती कॉटन की कीमत पर अंग्रेज अधिकारी आपस में शर्त लगाया करते थे। इन अंग्रेजी अधिकारियों की देखा देखी, उस दौर में जो मजदूर बॉम्बे बंदरगाह पर काम करते थे वो इस कीमत का अनुमान लगाया करते थे। यहीं से सट्टा की शुरआत होती हैं। उस समय ये खेल मजदूरों के लिए एक मनोरंजन और समय बिताने साधन हुआ करता था। लेकिन कुछ समय में इस खेल को कुछ लोगों ने पूर्ण सट्टे के रूप में खेलना शुरू कर दिया।
मजदूर से लेकर बड़े बड़े लोग तक अब कपास की कीमत पर दाव लगाने लगे थे। उस समय लोगों को ये खेल इसलिए आकर्षित करता था क्योंकि कोई भी व्यक्ति आकर सिर्फ एक दाव लगाकर बिना महनत के पैसे कमा सकता था।
जो खेल मजे के लिए शुरु हुआ था अब वो खेल व्यापार की शक्ल ले चुका था। कुछ स्मार्ट लोगों ने इस खेल को एक अवसर की तरह देखा और वो लोग सट्टा चलाने लगे। Satta के buzz को देखते हुए बहुत से लोग बंदरगाह के बाहर सट्टा स्टॉल लगाने लगे और उस समय ये सब यानि सट्टे के स्टॉल खुले आम चलते थे।
जब जब पैसे कमाने के आसान तरीके आते हैं तब तब उन कामों के साथ कुछ बुराइयां भी जन्म लेती हैं। अब मजदूर पूरे दिन बंदरगाह पर मजदूरी करके आते और शाम को पूरी मजदुरी की राशि सट्टे में लगा देते और हार जाते। आसान कमाई के चक्कर में मजदूरों को सट्टे की बुरी तरह से लत लग चुकी थी। जो मजदूर ज्यादा हारता था वो ज्यादा बडा जुआरी बन जाता क्योंकि इस खेल में रिवर्स साइकोलॉजी काम करती है।
जब इस खेल की ख़बर कॉटन एक्सचेज को लगी तो उन लोगों ने इस मामले की गंभीरता से लिया और कॉटन व्यापार पर खेले जानें वाले किसी भी प्रकार के सट्टे पर पाबंदी लगा दी। इस पाबन्दी के बाद भी जब सट्टा ऑपरेटर नही माने तो ब्रिटिश प्रशासन ने सट्टा ऑपरेटरों की धर पकड़ शुरु की। इस धर पकड़ से सट्टा ऑपरेटरों को भारी नुकसान झेलना पड़ा और इस तरह कपास के व्यापार पर सट्टा लगना पूरी तरह से बन्द हो गया।
लेकीन, ये खेल इतना एडेक्टिव था कि लोग इस खेल को भूल नहीं पाए, और सट्टा पूरी तरह से बन्द नहीं हो सका। इस खेल की लत की वजह से लोगों ने इस खेल को खेलने के लिए नए नए तरीके इजात किए। इन्ही तरीको में से निकला सट्टा मटका।
जो सट्टे के पुराने खिलाड़ी हैं, उनको ये बात पता होगी कि "सट्टा मटका" दो शब्दो के मेल से बना है। जो सट्टा शब्द है उसका मतलब सट्टेबाजी है और मटका का अर्थ होता है मिट्टी का घडा। ये नाम पड़ने के पीछे जो कहानी है वो ये है कि सभी नंबर की चिट्ठियां एक घड़े में रखी जाती थी और लोग एक अपने हिसाब से अलग अलग नंबर पर सट्टा लगाते थे। इस घड़े में से एक चिट्ठी को चुना जाता था, चुना जानें वाला नंबर विनर रहता, जो व्यक्ति सही नंबर की भविष्यवाणी करता वो आदमी जीत जाता। ये खेल समय के साथ इतना लोकप्रिय हुआ कि इसको आज भी खेला जाता है।
1960 के दशक में, सट्टा मटका या सट्टा किंग को 'अंकारा जुगड़' के नाम से खेला जाता था। फिर आया साल 1962, इस साल कल्याणजी भगत नाम के एक सट्टा मटका ऑपरेटर ने इस खेल को बड़े पैमाने पर लोगों को सट्टा खेल ऑफर करना शुरु किया, और इस इस खेल को नाम दिया 'कल्याण मटका'। 'कल्याण मटका' बहुत फेमस हुआ। जब 'कल्याण मटका' ने प्रसिद्धि पाई तो कल्याणजी भगत ने भी बहुत शोहरत पाई, उनको लोग Satta King कहने लगे। सट्टा खेलने वाले लोग कल्याणजी भगत को Satta King या Satta Matka का जनक मानते हैं।
हालांकि इस खेल को पहले से लोग खेलते आरहे थे, लेकीन इस खेल को पापुलैरिटी कल्याण जी भगत ने दिलाई थी, और मटके वाला कांसेप्ट भी इस खेल में कल्याण जी भगत ने शुरू किया
बाद में इस खेल की लोकप्रियता को देखकर एक और सट्टेबाज रतन खत्री ने साल 1962 में अपनी खुद की सट्टा सर्विस शुरू की और नाम दिया 'न्यू वर्ली मटका'। हालांकि ये खेल 'कल्याण मटका' से प्रभावित था, लेकिन रतन खत्री ने इस खेल में कुछ और नए नियम जोड़े।
इन नियमों के अनुसार रतन खत्री का का न्यू वर्ली मटका सिर्फ पांच दिन चलता था, जबकि कल्याण मटका हफ्ते के सातों दिन चलता था। 1990 का दसक सट्टा बाजार के लिय गोल्डन समय सिद्ध हुआ। इस 90 के दशक में Satta King या Satta Matka इतना लोकप्रिय हुआ कि इस खेल का रोजाना का टर्न ओवर 500 करोड़ से ज्यादा का होने लगा। अगर आज के समय इन्फ्लेशन के साथ इस राशी को जोड़ के देखा जाए तो ये धन राशि हजारों करोड़ से ऊपर निकल जायेगी। धीरे धीरे Satta King का क्रेज पुरे भारत में फैलने लगा। जब सट्टा मटका पुरे भारत में लोकप्रिय हुआ तो इसका वॉल्यूम भी बड़ने लगा।
साल 2000 आते आते भारत हर कोने तक satta matka पहुंच गया। इस तरह की क्रेजी लोकप्रियता को देखकर सरकार घबरा गई। सरकार के जो घबराने की सबसे मुख्य वजह जो थी वो ये थी कि लोग इस खेल के आदी होने लगे थे। लोग अपना घर खेत बेचकर सट्टा मटका खेलने लगे थे। पुरे भारत में से ऐसी घटनाएं सुनने को मिलने लगी। फिर सरकार ने इस सट्टा मटका बंद करने का आदेश दिया।
2000 के दशक में सट्टा मटका गेम के ऊपर गाज गिरी ये समय सट्टा किंग खेल के बड़ा झटका था। पुलिस ने सट्टा ऑपरेटरों पर छापे मार कर इस खेल की नीव को हिला डाला। उस समय पुलिस का इतना खौफ था कि सट्टा ऑपरेटर छिपने लगे।
जहां लोग सट्टा किंग पर सट्टा लगाते थे वो दुकानें स्टॉल बंद हो गई। सट्टा कंपनियां चलाने वाले अंडरग्राउंड हो गए। इसकी वजह से सट्टा चलाने वाले लोगों को भारी नुकसान हुआ। जब ऐसा हुआ तो सट्टा मालिको ने खुद को इस चीज के लिए तैयार किया और फिर सट्टा बाजार कुलेआम ना होकर अंडर ग्राउंड चलने लगा।
अब बाहर किसी को नही पता था कि सट्टा बाजार कहां से संचालित होता है। सट्टा ऐसे ही लंबे समय तक चलता रहा। 2008 में कल्याण जी भगत के बेटे, सुरेश भगत की किसी ने हत्या कर दी। जब सुरेश भगत की हत्या हुई तो लोग मानने लगे कि अब कल्याण सट्टा मटका बंद हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं कल्याण सट्टा फिर से वापस लौटा और ज्यादा बेहतर होकर। अब आगे भविष्य बताएगा कि सट्टे के साथ क्या होता है।
पुराने ग्रंथों में कहा गया है कि जुआ हमारे खून में है। और इस बात का जीता जागता उदाहरण हमें वर्ल्ड फेमस ग्रंथ महा भारत में देखने को मिलता है। इनफैक्ट महाभारत की पूरी लड़ाई शुरू ही सट्टा के खेल से हुई थी। सट्टा मटका के इतिहास की कहानी हमे यह बताती है कि किस तरह एक खेल मौज मस्ती से शुरू होकर एक बहुत बड़े व्यवसाय के रूप में विकसित हुआ और भारतीय समाज में किस तरह इस खेल ने अपना अहम भूमिका बनाई। सट्टा मटका की लोकप्रियता, इसके उतार-चढ़ाव और इसके अंडर ग्राउंड होने की कहानी सुनने पर फिल्मी लगती है, जिसमें रोमांच, खतरा, और अनिश्चितता का संगम है।
इस प्रकार, 'सट्टा मटका' और 'सट्टा किंग' की कहानी भारतीय समाज में जुआ खेलने की परंपरा और उसके विकास का एक रोचक और जटिल इतिहास पेश करती है। Satta King केवल एक खेल के रूप में ही नही बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक घटना के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जिसने समाज के विभिन्न तबकों को प्रभावित किया है।
Satta King कैसे खेलें?
जब Satta King की शुरुआत हुई थी, तब इस खेल को खेलने का केवल एक ही तरीका था, कि लोग अपने आस पास के भरोसेमंद Satta King एजेंट के पास जाते और सट्टा लगाते। जो Satta Matka का एजेंट होता था, वो आदमी सट्टेबाजों और लॉटरी कंपनी के बीच की कड़ी होता था।
Satta King के एजेंट सट्टे खोलने वाले लोगों से पैसे इकट्ठा करके लॉटरी कंपनी तक पहुँचाने काम करते हैं, इन्ही सट्टा एजेंटो की जिम्मेदारी होती थी कि वो परिणाम में जीती हुई रकम को वापस सट्टेबाजों को सौप दे। लेकिन जब इन Satta King एजेंटो पर पुलिस ने कार्यवाही करना शुरू किया, तो इन एजेंटो के लिए मुसीबत हो गई। सट्टा एजेंटो ने जैसे तैसे पुलिस से अपनी जान छुड़ाई और ये पारंपरिक पुराना तरीका बंद हो गया। लेकिन इतनी दिक्कतें होने के बाद भी, लोगों ने सट्टा लगाने के लिए नए तरीके खोज लिए।
जब इंटरनेट की शुरुआत हुई तो इनरनेट का फायदा Satta King को चलाने वाले लोगो ने भी उठाया, और Satta King ऑनलाइन खेला जानें लगा। Satta के संचालकों ने लोगों को सट्टा खिलाने के लिए कई तरीके के ऐप्स और वेबसाइट बनवाई जहां पर कोई भी सट्टेबाज बड़े ही आसान तरीके से सट्टा लगा सकता हैं।
आज के समय में बहुत सारे सोशल मीडिया हैंडल और पेज हैं जहां पर सट्टे से जुड़ी गतिविधियां देखने को मिलती हैं। अब Satta के Result भी बहुत सारी वेबसाइट पर आनलाइन आने लगे हैं। हालांकि रिसल्ट वेबसाइट थर्ड पार्टी के द्वारा संचालित होती हैं, उनका सट्टा जुआ से कोई लेना देना नही होता उनका काम केवल रिजल्ट घोषित करना होता है।
आज के समय में इंटरनेट पर ऐसी बहुत सारी वेबसाइटें हैं जो ऑनलाइन Satta King खेलने की सुविधा देती हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि आनलाइन Satta खेलना सट्टेबाजों और Satta एजेंटो के लिए काफी सुरक्षित और सुविधाजनक है। लेकिन फिर भी सट्टा एजेंट पुराने तरीकों को ज्यादा पसंद करते हैं।
डिजिटल युग के विकास के बावजूद, सट्टा एंजेटों के द्वारा पुराने तरीके पसंद करने की जो सबसे बड़ी वजह है वो ये है कि Satta King को खेलने वाली जो ऑडियंस है वो मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग से आती है। ये वर्ग पुराने तरीके इस्तमाल करना ही पसन्द करते हैं। इन वर्गों के लोग अभी भी Satta King, Satta Matka Disawar Gali आदि सभी खेलों पर बेट लगाने के लिए खुद सट्टा एजेंट के पास जाना पसन्द करते हैं। शायद ऐसा इसलिए भी है क्योंकि Satta Matka या Satta King के नाम पर आनलाइन बहुत ज्यादा ठगी होती है। यहीं वजह है कि पारंपरिक तरीके आज भी काम करते हैं।
जब कोई सट्टेबाज सट्टा लगाने के लिए सट्टा एजेंट के पास जाता है तो सट्टेबाज एजेंट को पैसे देता है और उसे अपना अनुमानित नंबर बताता जिस नंबर पर सट्टेबाज को बेट लेनी है। एकल नंबर अगर वे 'धरा' के लिए खेल रहे हों, और दस नंबर अगर 'जोड़ी' के लिए खेल रहे हों। सट्टा एजेंट उनकी ओर से दांव लगाते हैं।
रिजल्ट घोषित होने के बाद (प्रत्येक कंपनी के परिणाम का एक निर्धारित समय होता है), एजेंट लॉटरी कंपनी से पैसे प्राप्त करता हैं और जीतने वाले व्यक्ति के पास पैसे पहुचाता हैं। एक बार दांव लगा देने के बाद, पैसा का लेनदेन हो या कोई और समस्या सभी सिरदर्द एजेंट को संभालने होते हैं।
इस तरह, 'सट्टा' की यह यात्रा न केवल इसके डिजिटलीकरण की कहानी बयां करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे पारंपरिक और आधुनिक तरीके समय के साथ सह-अस्तित्व में हैं, जिससे सट्टा खेलने के अलग अलग तरीके और उसके प्रशंसकों की व्यापकता और गहराई सामने आती है।
सट्टा खेलने का यह डिजिटल और पारंपरिक संगम, इस खेल के विकास और उसकी प्रतिध्वनि को एक नई दिशा प्रदान करता है। यह न सिर्फ सट्टा खेलने के तरीकों को बदल रहा है, बल्कि इसके खिलाड़ियों की सोच और सामाजिक संरचना पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। जहां एक ओर डिजिटल माध्यम से सट्टा खेलने की सुविधा और पहुंच में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक खाईवाल सिस्टम का आत्मीयता और विश्वसनीयता अभी भी लोगों को इसकी ओर आकर्षित करता है।
Satta King को online कैसे खेलें?
आज के डिजिटल युग में, सट्टा खेलने के लिए अनेक एप्स और वेबसाइट्स इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। सट्टेबाजों के पास अब यह विकल्प है कि वे किस मंच पर खेलना चाहते हैं - यानि मोबाइल एप्प या वेबसाइट या पारंपरिक तरीके से। लेकिन इन सुविधाओं से साथ ही एक जरूरी प्रश्न उठता है - सवाल ये कि क्या ये प्लेटफॉर्म्स पूरी तरह से सुरक्षित हैं? क्या गारंटी है कि इन आनलाइन प्लेटफार्म से आपका पर्सनल डाटा लीक नही होगा? क्या गारंटी है कि आनलाइन प्लेटफार्म पर आपके साथ ठगी नही होगी?
इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे सकता लेकिन फिर भी काफी हद तक उत्तर खुद सट्टेबाजों के चॉइस पर निर्भर करता है। जैसा कि अभी मैने आपको बताया कि, लॉटरी कंपनियों की कोई आधिकारिक वेबसाइट नहीं होती। मौजूदा सभी साइटें या तो सट्टा एजेंट के द्वारा संचालित होती हैं या फिर थर्ड पार्टी से कॉलेब करके काम हो रहे होते हैं।
काफी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक तरीके को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा, सट्टा एजेंट व्हाट्सएप ग्रुप्स और टेलीग्राम ग्रुप्स का भी संचालन करते हैं जहां वे सट्टा खेलने की सुविधा देते हैं। आपको बस उन्हें अपना नंबर संदेश के माध्यम से भेजना होता है, डिजिटल रूप से पैसे भेजने होते हैं, और वे आपकी ओर से दांव लगा देते हैं। जीतने पर, वे जीती हुई राशि और 'सट्टा किंग' का परिणाम आप तक पहुंचाते हैं। लेकिन ऐसे मामलो में ठगी भी बहुत होती है, क्योंकि आनलाइन ठगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस ऑनलाइन दुनिया ने सट्टा खेलने के पारंपरिक तरीके को एक नया आयाम दिया है, जहां सुरक्षा और सहजता दोनों को प्राथमिकता देने की जरुरत होगी।
अब, जहां एक ओर खिलाड़ी अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर से ही आसानी से सट्टा खेल सकते हैं, वहीं दूसरी ओर सट्टा कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे जिस प्लेटफॉर्म पर खेल रहे हैं वह सुरक्षित और विश्वसनीय हो।
Online Satta King Result कैसे देखें?
सट्टा किंग, एक ऐसा खेल जो कि भारत में सट्टा खेलों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल माना जाता है, जो लोग सट्टा किंग खेल में पैसा लगाते हैं उन लोगो को सट्टा परिणाम की प्रतीक्षा भी उतनी ही बेसब्री से होती है। जो पहले पुराने तरीके होते थे, उन तरीको में लोग अपने सट्टा एजेंट से परिणाम प्राप्त करते थे। हालांकि, मैन्युअल प्रक्रिया के वजह से, कई बार रिजल्ट आने में देरी भी हो जाती थी। लेकिन अब इंटरनेट पर हमारे जैसी वेबसाइट की वजह से ऐसा नहीं होता है।
आज से दौर में आप 'Satta King Result' ऑनलाइन मोबाइल पर भी देख सकते हैं। केवल आपको इंटरनेट पर "Satta King Result" सर्च करना होता है। सिर्फ एक क्लिक पर आपको Satta King से संबंधित अनेक तरह के विकल्प मिल जायेगे। इन तमाम रिजल्ट वेबसाइट मैं satta-king.io website भी एक है, यह वेबसाइट सबसे सटीक रिजल्ट और सबसे जल्दी समय पर परिणाम प्रदान करती हैं, बिना किसी त्रुटि के।
यह डिजिटल पहल न केवल सट्टा किंग खेलने वालों के लिए एक सुगम और सहज अनुभव प्रदान करती है, बल्कि यह उन्हें अधिक विश्वसनीय और त्वरित जानकारी भी उपलब्ध कराती है। इस डिजिटल युग में, 'सट्टा किंग' के परिणाम प्राप्त करने की प्रक्रिया ने खिलाड़ियों को नई सुविधाएँ और विकल्प प्रदान किए हैं, जिससे उन्हें इस खेल को और भी आसानी से खेलने का मौका मिलता है।
satta-king.io बाकी Satta Result वेबसाइट से क्यों बेहतर है।
इस बात में कोई डाउट नहीं है कि यह वेबसाइट बाकि
Satta King Result वेबसाइट से काफी ज्यादा बेहतर है, वजह नीचे निम्नलिखित हैं:
- इस वेबसाइट पर फालतू के ज्यादा विज्ञापन इस्तमाल नही किए जाते, ताकि यूजर एक्सप्रियंस बेहतर बना रहे।
- यह वेबसाइट यूज करने में बेहद आसान और सिंपल है। कोई भी यूजर आकार आसानी से चंद बटन दवाकर रिसल्ट प्राप्त कर सकता है।
- यह वेबसाईट रिजल्ट प्राप्त करने के लिए अच्छे श्रोत इस्तमाल करती है।
- यह वेबसाईट यूजर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार विकसित हो रही है।
क्या Satta King कानूनी है?
Satta King के अगर कानूनी पहलुओं पर अगर बात करे तो भारत में सट्टा किंग का दायरा बेहद जटिल हैं। भारत के अलग अलग राज्यों में satta king को लेकर अलग अलग तरह के कानून हैं। जहां एक तरफ अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, पंजाब, और सिक्किम में कुछ लॉटरी खेलों को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है। वहीं दूसरे राज्यों में satta king को अवैध माना जाता है।
इन राज्यों को छोड़कर दूसरे राज्यों में जहां पर satta king को अवैध माना जाता है, वहीं पर क्रिकेट के ऊपर होने वाले सट्टे को पूरी तरीके से मान्यता प्राप्त है। आपने देखा भी होगा क्रिकेटर लोगों को विज्ञापन करते हुए उन विज्ञापन में सेलिब्रिटी लोग टीम बनाने की सलाह देते रहते हैं।
भारत में जुआ खेलना 1867 से प्रतिबंधित है। इस खेल को ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित किया था। ब्रिटिश हुकूमत का मानना था कि satta king या सट्टा मटका लोगों के हित में नहीं है, इस वजह से ब्रिटिश हुकूमत ने 1867 में इस खेल को प्रतिबंधित कर दिया और कानून बनाया कि कोई भी व्यक्ती इस खेल को खेलते हुए पकड़ा गया तो उसको ₹200 का जुर्माना या अधिकतम 3 महीने की जेल की सजा हो सकती है। 2005 में सरकार ने इस कानून में संशोधन भी किया।
इस लिए हमारी सलाह रहेगी कि आप इस खेल को उन राज्यो में खेले जहां ये खेल प्रतिबंधित नहीं है। बाकी राज्यों में जुआ के अन्य साधन हैं जो पूरी तरीके से वैध है, आप उन खेलों को खेल सकते हैं। हमारी वेबसाइट उन राज्यों के लिए बनाई गई है जहां सट्टा लीगल है। इसलिए, अपने जोखिम पर खेलें। बड़ी जीत हासिल करें, सुरक्षित खेलें!
Satta King क्यों प्रसिद्ध है?
Satta King की लोकप्रियता की जो सबसे बडी वजह मेरी समझ में आई है वो है, भारत का मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के पास ज्यादा पैसा ना होना। ये लोग धन के लिए हमेशा से परेशान रहे हैं। इनकी चाहते, इच्छाए, आकांक्षाएं काफी ज्यादा हैं लेकिन पैसे ना होने की वजह से मन को मारना पड़ता है।
Satta King ऐसे लोगों को आसानी से पैसा कमाने का जरिया लगता है। यहीं वजह है कि भारत में satta king जैसे खेल इतने फेमस हैं। ये खेल भारत के मिडिल क्लास वर्ग को आर्थिक और मानसिक संकट से निजात पाने का रास्ता लगता है, सट्टा किंग उन्हें आसानी से धन प्राप्त करने की ओर आकर्षित करता है।
Satta King ऐसे लोगों के लिए उम्मीद की किरण के समान हैं। आसानी से धन कमाने की लालसा, मिडिल क्लास या लोअर क्लास को इस ओर ले आती है। अब क्योंकि भारत की आबादी का एक बडा हिस्सा इन्ही लोगों का है इसीलिए Satta King जैसे खेलो का लोकप्रिय होना स्वाभिक हैं।
सट्टा किंग की इतनी लोकप्रियता सिर्फ एक खेल के रूप में ही नहीं, बल्कि एक आर्थिक आशा के सिंबल के रूप में भी देखी जा सकती है। जहां एक तरफ यह खेल तुरंत धन कमाने का वादा करता है, वहीं दूसरी ओर यह उन वर्गों के लिए एक संभावित रास्ता भी प्रस्तुत करता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। इस प्रकार, सट्टा किंग न केवल एक खेल है, बल्कि यह आम आदमी के सपनों और आकांक्षाओं से जुड़ा हुआ है।
Satta Matka या Satta King जीतने की ट्रिक क्या है?
जो लोग सट्टा किंग को जीतने की ट्रिक तलाश करते रहते हैं, उनकी जानकारी के लिए में बता दू कि Satta King पूरी तरह से नंबर आधारित खेल है। इसको जीतने के जो तरीके या ट्रिक है वो नीचे निम्नलिखित है:
- यदि आप सट्टा जीतना चाहते हैं तो एक बात समझ लो कि यह नंबरों का खेल हैं, यहां पर वही जीतता है, जो नंबरों में माहिर होता है।
- इस खेल को जीतने के लिए मेरी सलाह यही रहेगी कि आप इस खेल में खुद को इस खेल का पक्का खिलाड़ी बनाइए। बहुत से लोगों के साथ समस्या ही यही होती है कि उनको आता जाता कुछ है नहीं और गेम खेलने चल देते हैं।
- इस खेल को जीतने के लिए को सबसे महत्वपूर्ण चीज है वो है धीरज। बहुत से लोग इस खेल को अंधाधुंध खेलते हैं और loss कर लेते हैं। इस गेम में धीरज सबसे महत्वपूर्ण होता है।
- इस खेल की जीत मैं जो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वो है साइकोलॉजी। बहुत से लोगो को इसके बारे में पता नही होगा लेकिन इस टॉपिक पर एक किताब लिखी जा सकती है। जितने भी सफल सट्टेबाज हुए हैं, उनकी जीत में साइकोलॉजी का अहम योगदान रहा है।
- इस गेम को जीतने का एक और तरीका है, और वो है "अच्छा नसीब"। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि हुनर सड़कों पर तमाशा करता है और नसीब महलों में राज।
इस खेल को जीतना चाहते हैं तो एक बात को अच्छी तरह से गांठ बांध कर रख ले कि आप जितनी राशि को खोने में खुशी महसूस कर सकते हैं, केवल उतने ही पैसे को दांव पर लगाएं। यदि आप अंधाधुंध पैसे को दांव लगा रहे हैं, तो आप अपना सारा पैसा खो देंगे। लालच और भय दोनों को समान रूप से संतुलित करना होगा। तब जाकर आपके जीतने की संभावना बढ़ती है। Satta King को जीतने का कोई जादुई फॉर्मूला नही है, जितना खेल को सीखेगे उतना अच्छे खिलाड़ी बन पायेंगे।
अगर आप चाहते हैं इस टॉपिक पर में एक डिटेल में Ebook लिखूं तो आप मुझे बता सकते हैं। इस काम के लिए आप मुझे
contect us पेज से ईमेल कर सकते हैं।
Satta King Chart क्या है?
इस वेबसाइट को 2024 में बनाया गया हैं। यह वेबसाइट लगातार विकसित हो रही है। वेबसाइट लगातार अपने यूजर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। इस वेबसाइट पर हम Satta King के result चार्ट दिखाने के लिए काफी मेहनत कर रहे ताकि यूजर अनुभव और बेहतर हो सके।
Satta King की सबसे बड़ी जीत कौन सी है?
बहुत से लोग इंटरनेट पर खोजते हैं कि
satta king की सबसे बड़ी जीत कौनसी थी? इस सवाल का जवाब कुछ लोग देने की कोशिश करते हैं और जवाब में बताते हैं कि सबसे बड़ी जीत रतन खत्री की रही थी। हालंकि, इस बात में कितनी सच्चाई है किसी को नही पता। क्योंकि ये खेल इतना बड़ा है कि किसी की बडी जीत होने के बावजूद भी किसी को कुछ पता नहीं चलता।
सट्टा कंपनियां अपने ग्राहकों को जानकारी को गोपनीय रखती हैं। ऐसे में अगर कोई बडी जीत होती भी है तो वो गुमनाम रहती है। सट्टा किंग खेलने वाले कितना कमाते हैं इस बारे में कोई ठोस सबूत या जानकारी कहीं भी मोजूद नहीं है लेकिन एक बात तो साफ है कि satta कंपनी बहुत पैसा कमाती हैं। हजारों करोड़ों के देन लेन होते हैं रोज। इसीलिए व्यक्तिगत तौर पर किसी के बारे में पता लगाना मुश्किल काम है।
लेकिन एक अनुमान के अनुसार ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो इस खेल के पक्के खिलाड़ी हैं, और उन्ही में से कोई एक होगा जो इस खेल का बड़ा विजेता होगा।
सट्टा किंग रिजल्ट चार्ट
नीचे दी गई लिस्ट में आप जानेगे कि ये वेबसाइट किन किन सट्टा कम्पनियों के रिजल्ट घोषित करती है:
सट्टा किंग रिजल्ट चार्ट |
जयपुर सिटी |
गाजियाबाद बजार |
सुपर दिसवार |
गली सुपर |
श्री गणेश |
नेपाल दिन |
महाराष्ट्र बाजार |
महाराष्ट्र सट्टा |
ताज |
बीकानेर सुपर |
जय लक्ष्मी |
टाइगर सट्टा |
रोलेक्स रात |
कल्याण एक्सप्रेस |
चांद तारा |
राजधानी |
गोवा एक्सप्रेस |
मेरठ सिटी |
यूपी बाजार |
श्री लक्ष्मी |
NCR |
ताज एक्सप्रेस |
बिग बाजार |
राजस्थान शाम |
पलवल |
भीम बाजार |
दुबई बाजार |
मुंबई सिटी |
यूपी राज्य |
इंडिया दरबार |
भोपाल सुबह |
गोवा रात |
रांची |
पुणे सिटी |
दिल्ली गोल्ड |
इंडिया बाजार |
दिल्ली बाजार |
लखनऊ गोल्ड |
तेजपुर सुबह |
गाजियाबाद दोपहर |
हरिद्वार |
द्वारका नाइट |
मुंबई बाजार |
तेजपुर रात |
तेजपुर शाम |
तेजपुर दिन |
गाजियाबाद दिन |
हिंदुस्तान |
गाजियाबाद |
फरीदाबाद |
गली |
दिसावर |
Disclaimer
ये वेवसाइट केवल रिजल्ट तक सीमित है, और उन राज्यों के लिए बनाई गई है जहां सट्टा किंग वैध है जैसे गोवा आदि। इस वेबसाइट का उपयोग करके या इस पर प्रदान की गई जानकारी का पालन करके होने वाले किसी भी नुकसान या हानि के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। अधित जानकारी के लिए इस वेबसाइट की
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